आइये भारत को खोजें--------------------??????
भारत का नक्शा एक नजर से देखा जाये तो उसे देखते ही एक अपनत्व की भावना मन में आ जाती है . मन
तरंगित हो उठता है . पर .......... जैसे ही नक़्शे पर निगाह जाती है तो नजर ' भारत ' शब्द को खोजती रह जाती है , वाकई आज भारत शब्द खोजने पर भी नहीं मिलता . आज भारत के तीन शब्द तो नहीं मिलते पर पूरा नक्षा अलग -अलग खानों में बंटा मिलता है और इन विभक्त खानों में महाराष्ट्र ( राष्ट्र के अन्दर महा राष्ट्र.........???), गुजरात, दिल्ली , पंजाब, तमिलनाडु.................. बता नजर आ रहा है। पर नहीं नजर आ रहा तो भारत।
आज अगर एक आम आदमी से सवाल करें की वो कौन है या फिर उसका परिचय पूछा जाये तो ये जूमला शायद ही सुने देगा की , मै भारतीय हूँ। आप केवल सुन पाएंगे - हम महाराष्ट्रियन हैं या मै गुजरती हूँ या मद्रासी हूँ....., मै भारतीय हूँ......ये अब सुनना दुर्लभ है।
सच तो ये है की आज आप खोजने जायेंगे तो पाएंगे की 'भारत' कही खो चूका है। आप इंडियन तो हो सकते हैं पर भारतीय नहीं। स्वयं को इंडियन आप भारत के बहार भी बड़े आराम से बोल सकते हैं। एक समय था जब दूरदर्शन पर एक नारा बुलंद था की कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है....................... जो आज गायब हो चूका है।
आज तो हालत ये है की क्षेत्रवाद इतना हावी हो चूका है की आम भारतीय , भारतीय कहलाने में गर्व नहीं महसूस करता बल्कि महाराष्ट्रियन या गुजरती कहलाने में अधिक गर्व महसूस करता है। हम सब भारतीय हैं ये बात अब साल में केवल २ या ३ दिनों में ही याद करने पर ही याद आती है अगर ये तिथियाँ नहीं होती तो शायद ये भी याद नहीं आ पाता की ,
" भारत है कहाँ........???"
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